Sunday, February 5, 2017

मशगूल साँसें

  
जब पास हो आसान रास्ता
मुश्किल रास्तो की ओर भागना क्यों
कुछ कपडे, मोबाइल
पसंद करना
बेहिसाब विकल्प तलाशना
आगे बढ़ने
ज़िन्दगी के मुश्किल रास्ते
पसंद करना
कुछ करने की चाह में
किसी की याद में
नज़दीक मौजूद सांसों का वजूद भुला बैठना
खुद की चाहत अपनों को आहत
करना बेवज़ह ज़रूरत लगना

खुद से बात करने का समय
धुएं में उड़ा बैठना

बेवज़ह खुद को दर्द पहुँचाना
आदत सी बन जाती है
लड़ने की हिदायत देना
खुद ही लड़ना भूल जाना
कोलाहल करती दुनिया मे
गुमशुदा होना

लोगों से क्या
खुद से बातें करना भूल जाना
खामोश दिल का
ज़ोरो से धड़कना
यादों को संजोना
यादों में खो जाना
खुली आँखों से सो जाना
खो जाना