गीत प्यार के गाने लगी मेरी......
मैं जानता हूँ "अंजाम-ए-मोहब्बत" पे
ज़िन्दगी धोखा खाने लगी मेरी ....
भयभीत हो तूफानी थपेडो से कश्ती,
साहिल से टकराने लगी मेरी,
करने बहुत से थे गिले शिकवे,
पर जुबां लड़खड़ाने लगी मेरी ..
बहुत अरसे से मायूस था दिल,
लो तमन्ना फिर मुस्कुराने लगी।।
Bahut khub...
ReplyDeleteawesomely phrased...appreciation beyond words:)
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