शायद कुछ कहना चाहती हैं
उसका नम् आँखों से निहारना
पलकें झपकाएं बिना एक टक
कहे बगैर पुरी कहानी बयाँ कर जाना
मन में भूचाल उठाती बेचैन छुअन
आज उसकी बातूनी निगाहों में
ख़ामोशी व्याप्त हैं
एक लफ्ज़ मेरा "क्या हुआ"
उसकी पलकों का इक वारी झपकना
मोतीयों का गालो पे सरकना
दिल सिहर सा गया
उस इक पल का ठहर सा जाना
ख़ामोश लब
गर्म सांसें
जहन में सवालों का सुनामी
नज़रों का फेर
कुछ कहने की जद्दोजहद
उसका नम् आँखों से निहारना
पलकें झपकाएं बिना एक टक
कहे बगैर पुरी कहानी बयाँ कर जाना
मन में भूचाल उठाती बेचैन छुअन
आज उसकी बातूनी निगाहों में
ख़ामोशी व्याप्त हैं
एक लफ्ज़ मेरा "क्या हुआ"
उसकी पलकों का इक वारी झपकना
मोतीयों का गालो पे सरकना
दिल सिहर सा गया
उस इक पल का ठहर सा जाना
ख़ामोश लब
गर्म सांसें
जहन में सवालों का सुनामी
नज़रों का फेर
कुछ कहने की जद्दोजहद
दिल में बसा रखुँ तुझें
सारी सारी रात किया तेरा इंतज़ार
रातें मेरी जान कर दी तेरे नाम
तुम साथ हो
फिर भी न जाने कहाँ गुम हो
तू ही चैन मेरा
तुझसे दूर अब न रहना
कुछ तो भरोसा कर
सारी ज़िन्दगी लिख दूँ तेरे नाम
जो तू होए मेरे साथ
जैसे बादल और बरसात
तुझपे हो शुरू और खत्म मेरी हर बात
फिर भी न जाने कहाँ गुम हो
तू ही चैन मेरा
तुझसे दूर अब न रहना
कुछ तो भरोसा कर
सारी ज़िन्दगी लिख दूँ तेरे नाम
जो तू होए मेरे साथ
जैसे बादल और बरसात
तुझपे हो शुरू और खत्म मेरी हर बात
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