Monday, May 25, 2020

इक पल



इक पल
कर एहसान तू
इस दर्द का कर इलाज तू
एक नज़र देख
थोड़ी दे जान तू
जो होगा
वो होण दे
मन के ताले
तू खोल दे
सलाखों में कैद
दिल को कर दे आज़ाद तू
आज जी लेने दे
जी भर पी लेने दे
इक पल जी लेने दे
मुर्दा था मैं
जी गया 
मिल गया कोई खास
अपने आप में कैद था
मन ज़हर था
तूने दी एक आस
बेज़ान जिंदगी का क्या बनेगी सहारा
डूबी हुई कश्ती को क्या
देगी किनारा
तेरे संग इक पल जी लेने दे
#GRVDON

No comments:

Post a Comment